इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के वैज्ञानिकों ने कुड्डालोर तट से जीनस जिमनोथोरैक्स की एक मोरे ईल मछली की खोज की है।
वैज्ञानिकों ने इसका नाम "तमिलनाडु ब्राउन मोरे ईल" तमिलनाडु के नाम पर रखा है जिसका सामान्य नाम "जिमनोथोरैक्स तमिलनाडुडुएंसिस" है।
आईसीएआर - नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने समुद्री शोधकर्ताओं पी कोडेश्वरन और जी कंथाराजन द्वारा कुड्डालोर जिले के परंगीपेट्टई और मुदासलोदई मछली लैंडिंग केंद्रों में तटीय जल के साथ एक अन्वेषण सर्वेक्षण किया।
टीम को व्यापक रूपात्मक विश्लेषण, कंकाल रेडियोग्राफी और उन्नत आणविक मार्करों द्वारा परीक्षण के बाद मछली की एक नई प्रजाति मिली।
वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि पाई गई प्रजाति मोरे ईल है जो जीनस जिमनोथोरैक्स की विशिष्ट प्रजाति है।
इसके साथ, जिमनोथोरैक्स की नई पाई गई मछली प्रजातियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है, अब तक भारतीय जल में जिमनोथोरैक्स की 28 प्रजातियां थीं।
यह नई प्रजाति भारत के दक्षिण-पूर्वी तट, बंगाल की खाड़ी में पाई जाती है।
इस नई प्रजाति का होलोटाइप ICAR-NBFGR लखनऊ के राष्ट्रीय मछली संग्रहालय और रिपोजिटरी में पंजीकृत है।
मछली की प्रजातियों का नाम ज़ूबैंक में पंजीकृत है, जो कि जूलॉजिकल नोमेनक्लेचर (ICZN) पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली है।
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